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भारत में जैविक खेती की परंपरा और महत्व शुरू से ही रहा है। पूरी तरह से जैविक खादों पर आधारित फसलों को उगाना जैविक खेती कहलाती है। दुनिया के लिए भले ही यह नई तकनीक हो, लेकिन परंपरागत रूप से देश में जैविक खाद पर आधारित खेती होती रही है| जैविक खेती सेहत के लिए लाभकारी होती है और साथ ही जैविक खेती में कम कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है|
ऐसे ही लाभदायक कारणों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसीलिए सरकार ने इसके लिए एक योजना को शुरू किया है इस योजना का नाम Paramparagat Krishi Vikas Yojana रखा है। इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस लेख के माध्यम से हम Paramparagat Krishi Vikas Yojana से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विवरण साझा करेंगे जैसे आवेदन करने की प्रक्रिया, इस योजना का उद्देश्य, विशेषताएं, लाभ, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि। यदि आप इस योजना से संबंधित जानकारी जानना चाहते है और जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana
मृदा स्वास्थ्य योजना के तहत पारंपरिक कृषि विकास योजना शुरू की गई है। यह योजना वर्ष 2015-16 में क्लस्टर मोड में रसायन मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से देश के किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जैविक खेती का टिकाऊ मॉडल विकसित किया जाएगा। और Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2022 के माध्यम से भी क्लस्टर गठन, क्षमता निर्माण, इनपुट के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना का नाम | Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) |
आरंभ की गई | भारत सरकार द्वारा |
लाभार्थी | देश के किसान भाई |
लाभ | वित्तीय सहायता |
आधिकारिक वेबसाइट | pgsindia-ncof.gov.in |
Paramparagat Krishi Vikas Yojana का उद्देश्य
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) को कार्यान्वित करने का उद्देश्य देश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करना है। और साथ ही इस योजना को जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यह मृदा स्वास्थ्य और जैविक पदार्थ की मात्रा में सुधार करेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी| परम्परागत कृषि विकास योजना 2022 के माध्यम से रसायन मुक्त एवं पौष्टिक आहार का उत्पादन होगा क्योंकि जैविक खेती में कीटनाशकों का कम प्रयोग होता है| यह योजना देश के नागरिकों की सेहत में सुधार करने के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ
- किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- इस योजना के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- परम्परागत कृषि विकास योजना 2022 के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनों के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस राशि में से ₹31000 प्रति हेक्टेयर की राशि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि के लिए प्रदान किए जाएंगे।
- मूल्यवर्धन एवं वितरण के लिए ₹8800 रुपया प्रदान किए जाएंगे।
- इसके अलावा क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 प्रति हेक्टेयर प्रदान किए जाएंगे। जिसमें एक्स्पोज़र विजिट एवं फील्ड कर्मियों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
- इस योजना के अंतर्गत लाभ की राशि सीधे किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से वितरित की जाती है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana की मुख्य विशेषताएं
- यह योजना पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विकास के माध्यम से खेती के स्थाई मॉडल को विकसित करने में मदद करेगी।
- जैविक खेती के लिए चुना गया क्लस्टर 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ की सीमा में और जितना संभव हो उतना सन्निहित रूप में होना चाहिए।
- 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ क्लस्टर के लिए उपलब्ध कुल वित्तीय सहायता अधिकतम 10 लाख रुपए होगी।
- एक क्लस्टर में किसानों की कुल संख्या में कम से कम 65% किसानों को लघु और सीमांत श्रेणी के लिए आवंटित किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत बजट आवंटन का कम से कम 30% महिला लाभार्थी/किसानों के लिए निर्धारित आवश्यक किया जाएगा।
- पिछले 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत ₹1197 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana का कार्यान्वयन
राष्ट्रीय स्तर कार्यान्वयन – इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के ऑर्गेनिक फार्मिंग सेल प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना को शुरू करेगी| राष्ट्रीय स्तर पर योजना का कार्यान्वयन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, कोऑपरेटिव एंड फार्मर वेलफेयर के माध्यम से भी किया जाएगा| इसके साथ ही नेशनल एडवाइजरी कमिटी के ज्वाइंट डायरेक्टर इस योजना के दिशा निर्देश तैयार करेंगे|
राज्य स्तर कार्यान्वयन – राज्य स्तर पर इस योजना का कार्यान्वयन राज्य कृषि और सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाएगा। विभाग द्वारा पंजीकृत क्षेत्रीय परिषदों की भागीदारी के साथ योजना को लागू किया जाएगा।
जिला स्तरीय कार्यान्वयन – जिला स्तर पर इस योजना को शुरू रीजनल काउंसिल के माध्यम से किया जाएगा। 1 जिले में एक या एक से अधिक रीजनल काउंसिल भी हो सकते हैं जो सोसाइटीज एक्ट, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, कोऑपरेटिव एक्ट या कंपनीज एक्ट के अंडर रजिस्टर्ड होंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत एनुअल एक्शन प्लान (Annual Action Plan)
- परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत पीजिएस सर्टिफिकेशन एवं क्वालिटी कंट्रोल 3 वर्ष का प्रोग्राम है।
- क्षेत्रीय परिषद को इस कार्यक्रम के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करनी होगी।
- मार्च में क्षेत्रीय परिषद द्वारा वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की जाएगी।
- यह कार्य योजना राज्य कृषि विभाग को सौंपी जाएगी।
- कार्य योजना के अनुमोदन के बाद राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बाद, क्षेत्रीय परिषद स्थानीय समूहों और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- मई तक केंद्र सरकार द्वारा कार्य योजना की स्वीकृति दी जाएगी और मई के मध्य में क्षेत्रीय परिषद को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के तहत मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर्ड डिमॉन्सट्रेशन (Model Organic Clustered Demonstration)
मॉडल जैविक वर्ग अध्ययन प्रदर्शन के द्वारा जैविक खेती की आधुनिक तकनीकों के बारे में जागरूकता दी जाएगी ताकि ग्रामीण युवा, किसान, उपभोक्ता और व्यापारी जैविक खेती कर सकें। यह जागरूकता परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से लागू की जाएगी।
इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी जैविक खेती के लिए राष्ट्रीय केंद्र, भागीदारी गारंटी प्रणाली, पंजीकृत क्षेत्रीय परिषद और डीएसी और एफडब्ल्यू के अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन हैं। इस योजना के तहत विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की देखरेख में प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा इस योजना का बेहतर क्रियान्वयन के लिए एक प्रोजेक्ट डिमॉन्स्ट्रेशन टीम भी बनाई जाएगी|
योजना के तहत मॉडल जैविक फार्म (Model Organic Farm)
मॉडल जैविक फार्म के माध्यम से पारंपरिक भूमि को एक हेक्टेयर की जैविक खेती पद्धति में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न नवीनतम तकनीकों से संबंधित जानकारी भी किसानों को प्रदान की जाएगी। ताकि वे जैविक खेती कर सकें। न्यूनतम 1 वर्ष में प्रति संगठन को अधिकतम तीन मॉडल आवंटित किए जाएंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के लिए पात्रता मानदंड
- आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक को किसान होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
PKVY के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
आवेदन कैसे करें?
- सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा।
- होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ(Apply Now) के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर आवेदन पत्र (Application Form) खुल जाएगा।
- इस आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि भरनी होगी।
- अब सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
- अंत में सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
लॉगिन कैसे करें?
- सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा।
- होमपेज पर लॉगिन(Login) के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।
- इस डायलॉग बॉक्स में अपना यूजरनेम, पासवर्ड तथा कैप्चा कोड भरना होगा।
- अंत में लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
परम्परागत कृषि विकास योजना के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत कब और किसके द्वारा की गयी?
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2015-16 में परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरुआत गयी।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana को क्यों शुरू किया गया है?
जैविक रूप से खेती करने के लक्ष्य से Paramparagat Krishi Vikas Yojana को शुरू किया गया है जिसमें किसान नागरिक बिना केमिकल्स का प्रयोग करके कृषि में उत्पादन कर स्वस्थ एवं पौष्टिक भोजन लोगो तक उपलब्ध करवा सके।
परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को क्या लाभ होंगे?
किसान नागरिकों को परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से ऑर्गनिक रूप में खेती करने के लिए विशेष अवसर प्राप्त होगा ,जिसमें उन्हें जैविक खेती करने के लिए सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी।
कितने वर्ष की अवधि के लिए किसानों को योजना के माध्यम से 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी?
परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से 3 वर्ष की अवधि के लिए किसान नागरिकों को 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी।